छठ पूजा 2024: 6 से 9 नवंबर तक होगी सूर्य उपासना का महापर्व

 छठ पूजा 2024: 6 से 9 नवंबर तक होगी सूर्य उपासना का महापर्व

छठ पूजा इस साल 6 नवंबर से 9 नवंबर 2024 तक मनाई जाएगी। यह पवित्र पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है, जिसमें श्रद्धालु डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।

छठ पूजा 2024: सूर्य देवता की उपासना और इसका धार्मिक महत्व

छठ पूजा उत्तर भारत, विशेषकर बिहार, झारखंड, और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाने वाला एक प्रमुख और पवित्र त्योहार है। यह चार दिवसीय व्रत सूर्य देवता की उपासना के लिए किया जाता है, जिसमें व्रती (उपवासी) महिलाएं और पुरुष सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अर्घ्य देकर भगवान सूर्य को धन्यवाद अर्पित करते हैं। छठ पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अद्वितीय है, और यह पर्व भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवार की खुशहाली के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।



छठ पूजा की पौराणिक कथा

छठ पूजा की उत्पत्ति और इसके पीछे की कथा महाभारत से जुड़ी मानी जाती है। कहा जाता है कि पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने इस व्रत को किया था ताकि उनके पतियों को राज्य पुनः प्राप्त हो और परिवार में खुशहाली आए। इसके अलावा, यह पूजा सूर्य देव और उनकी पत्नी उषा और प्रत्यूषा के सम्मान में की जाती है। व्रती सूर्यदेव को उषा और प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर अपनी पूजा संपन्न करते हैं।


छठ पूजा के वैज्ञानिक लाभ: स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण

छठ पूजा का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि इसका वैज्ञानिक आधार भी है। व्रत के दौरान उपवासी लोग जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं, जो कि सूर्य की किरणों से मिलने वाले विटामिन D का एक बेहतरीन स्रोत है। यह शरीर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के साथ-साथ त्वचा और हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है।

इसके अलावा, छठ पूजा के दौरान प्राकृतिक सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे बांस की टोकरियां, केले के पत्ते, और अन्य जैविक पदार्थ, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। यह पर्यावरण-संवेदनशीलता की भी शिक्षा देता है, जो आज के युग में अत्यंत महत्वपूर्ण है।



छठ पूजा FAQs (Frequently Asked Questions)

1. छठ पूजा कब मनाई जाती है?

छठ पूजा दिवाली के 6 दिन बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। यह मुख्य रूप से अक्टूबर-नवंबर के महीने में आती है। यह चार दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें नहाय खाय, खरना, संध्या अर्घ्य, और उषा अर्घ्य शामिल हैं।

2. छठ पूजा कहां मनाई जाती है?

छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। इसके अलावा, यह देश के अन्य हिस्सों और विदेशों में बसे प्रवासी भारतीयों द्वारा भी मनाई जाती है। लोग इसे नदी, तालाब, या घर के पास की किसी जलाशय के किनारे मनाते हैं, जहां वे सूर्य को अर्घ्य देते हैं।

3. छठ पूजा कितने दिन तक चलती है?

छठ पूजा कुल 4 दिनों तक चलती है:

  • पहला दिन: नहाय-खाय (व्रती गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करके शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं)
  • दूसरा दिन: खरना (व्रती दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को प्रसाद के रूप में गुड़ की खीर और रोटी का सेवन करते हैं)
  • तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य (सूर्यास्त के समय जल में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है)
  • चौथा दिन: उषा अर्घ्य (सूर्योदय के समय अर्घ्य देकर पूजा का समापन होता है)

4. छठ पूजा क्यों मनाई जाती है?

छठ पूजा सूर्य देवता की उपासना के लिए की जाती है, जिन्हें जीवन और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। यह पूजा स्वस्थ जीवन, संतान सुख, समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए की जाती है। मान्यता है कि सूर्य देवता और उनकी पत्नी छठी मईया भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं और उन्हें कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं।

5. छठ पूजा का वैज्ञानिक महत्व क्या है?

छठ पूजा का वैज्ञानिक महत्व भी है। इस पूजा के दौरान लोग सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में आते हैं, जिससे उन्हें विटामिन D प्राप्त होता है, जो हड्डियों और त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही, व्रत के दौरान पवित्र और शुद्ध भोजन का सेवन किया जाता है, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

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